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Uksssc Vdo/Vpdo Mock Test - 212

Uksssc Vdo/Vpdo Mock Test 2025  देवभूमि उत्तराखंड द्वारा आगामी परीक्षा उत्तराखंड पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी, फोरेस्ट गार्ड और RO/ARO हेतु टेस्ट सीरीज प्रारंभ की गई है। सभी टेस्ट अनुभवी टीम द्वारा तैयार किए जा रहे हैं। टेस्ट सीरीज का लाभ उठाने के लिए संपर्क करें। 9568166280 Uksssc Mock Test - 212 (1) “अन्याला चोट कन्याला” इस लोकोक्ति का अर्थ क्या है ? (A) सर पर भारी चोट लगा (B) अंधे के हाथ  बटेर लगना (C) अंधे पर चोट लगा (D) आने से जाने तक (2) “बाप पेट चय्ल बाजार” कुमाऊनी पहेली का क्या अर्थ है – (A) कददू (B) सेब (C) जीभ (D) पिनालू (3) मकर संक्रांति को स्थानीय भाषा में क्या कहा जाता है (A) घुघुती त्यौहार (B) उत्तरायण (C) चुनिया (D) उपरोक्त सभी (4) उत्तराखंड में ग्रामीण आवासो के निकट की भूमि क्या कहलाती है (A) घरया  (B) बण्या (C) बिचौलि (D) जवाणा (5) निम्नलिखित स्वरों में कौन सा युग्म गलत है (A) मध्य स्वर  - अ (B) विवृत स्वर - आ (C) अर्धविवृत्त स्वर - ई (D) पश्च स्वर - ऊ (6) सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए और सूचियां के नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए...

हरीपुरा डैम: गूलरभोज (उधम सिंह नगर)

 हरिपुरा बांध - गूलरभोज (बाजपुर)

हरिपुरा डैम : एक उभरता पर्यटक स्थल


बहुत समय पहले एक फिल्म आई थी "मैंने प्यार किया"(1989) जिसमे भाग्यश्री  और सलमान खान का एक गाना था "दिल दीवाना बिन सजना के" जिसको गाया था लता मंगेशकर जी ने लता मंगेशकर जी ने। इस गाने में एक दृश्य दिखाया गया है। झील में वोटिंग के साथ रोमांस करते हुए उस सीन को देखकर कुछ हलचल तो आपके मन में भी हुई होगी तो मैं उत्तराखंड के वासियों को अवगत करा दूं कि उधम सिंह नगर में स्थित हरीपुरा डैम जो गूलरभोज के निकट स्थित है। सुंदर बागों बगीचों से सुसज्जित विभिन्न प्रकार के फूलों के दृश्य मन को मोह लेते हैं । अक्सर फोटोशूट के लिए यहां पर अनेक लोगों को देखा गया है यह फोटो शूट के लिए एक अच्छी जगह है वोटिंग और वाटर स्पोर्ट्स गेम्स की सुविधा बनाई जा रही है । 
                  ऊधम सिंह नगर के निवासियों को अब पिकनिक, टूर, वोटिंग वह मनोरंजन के लिए नैनीताल नहीं जाना पड़ेगा। अक्सर देखा गया है कि अधिकांश लोग पहाड़ के सफर के दौरान उल्टियां करते हैं और जिस कारण उनकी तबीयत पर असर पहुंचता है और नैनीताल जैसी जगहों में जाकर भी एंजॉय नहीं कर पाते है अधिकांश लोग प्रकृति के रंगों को अनुभव नहीं कर पाते सारा जीवन एक चारदीवारी के अंदर गुजार देते हैं लगातार एक ही स्थान पर रहने से बहुत सारे लोग चिरचढ़े हो जाते हैं । खास तौर पर महिलाओं के साथ ऐसा अधिक होता है जिससे घरों में  लड़ाइयां  और क्लेश बढ़ता है। अतः समय-समय पर प्रकृति की सुंदरता का नजारा देखना चाहिए । और वर्तमान दिनों की यादों को वीडियो क्लिपिंग  व फोटोग्राफी द्वारा  संजोए लीजिए। ऐसे पल जीवन को आनंदित करते हैं साथ ही पर्यटक स्थलों के विकास में सहायता करनी चाहिए । प्रारंभ मेंं स्थानीय लोगोंं के जाने से पर्यटक स्थल का विकास होगा अर्थात सुविधाएं बढ़ेंगी और सुंदरता का वर्णन दूर-दूर तक होगा । जिससे बाहरी लोग भी आने के लिए प्रेरित होंगे । "हरिपुरा-बौर जलाशय" पर्यटन केंद्र को विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है । जिसमें प्रदेश पर्यटन को बढ़ावा और गदरपुर विधानसभा के अंतर्गत स्थानीय लोगों के लिए संबंधित रोजगार के नए अवसर विकसित किए जाएंगे। नव वर्ष 2021 के अवसर पर सैलानी यहां आकर अत्यंत प्रसन्न और आनंदित हुए।
   

हरिपुरा डैम की विशेषताएं

  
हरिपुरा डैम का निर्माण 1966 से प्रारंभ किया गया था। 10 वर्षों के बाद सन 1975 तक कार्य पूरा कर लिया गया था। यह डैम मिट्टी और पत्थरों का प्रयोग करके बनाया गया है इस का कुल क्षेत्रफल 30000 मीटर( 30 किलोमीटर) के आसपास है इसकी ऊंचाई 10.98 मीटर है तथा लंबाई 7980 मीटर है इस जलाशय में बाकरा नदी के द्वारा पानी आता है। बाकरा नदी नैनीताल से निकलती है और ऊधम सिंह नगर के खानपुर के पास राज्य से बाहर हो जाती है। हरिपुरा डैम से ठीक 5 किलोमीटर की दूरी पर गूलरभोज स्थित है। 
              जलाशय की मुख्य विशेषता यह है कि यहां से उपभोक्ता जिंदा मछली खरीद सकते हैं इस जलाशय में मछली पकड़ने के लिए  तकनीकी का प्रयोग करते हैं जिससे मछलियां जिंदा रहती हैं इसका प्रयोग मछली के उत्पादन के लिए भी किया जाता है इसमें राहु, केतला  और साथ ही केकड़े पाए जाते हैं जलाशय की दूसरी विशेषता यह है कि इस से  नेहरे निकाली गई हैं जो आस-पास के गांव के खेतों  की सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराती हैं लगभग 66850 एकड़ भूमि पर सिंचाई उपलब्ध कराता है। यहां प्रत्येक वर्ष साइबेरियन पक्षियों का झुंड देखा जा सकता है जो अनुकूल मौसम होने पर प्रवास करते हैं

 पर्यटकों के लिए सुविधाएं 
  
कुमाऊं मंडल विकास के द्वारा जलाशय के लिए वोटिंग के लिए विभिन्न प्रकार की वोट (नाव) का प्रयोग किया जाता है फैमिली के लिए बढ़ी नाव, कपल के लिए डबल नाव तथा आधुनिक नावो का भी प्रयोग किया जाता है जैसे मोटरों द्वारा संचालित नाव और पैराग्लाइडिंग  प्रारंभ हो चुकी है इसके अलावा माननीय जिलाधिकारी डॉ नीरज खेरवाल द्वारा हाल ही में घोषणा की गई कि उधम सिंह नगर के 5 और डेमो का विकास किया जाएगा । उसको आकर्षक बनाने के लिए वाटर स्पोर्ट्स गेम कराए जा सकते हैं तथा समय-समय पर आयोजन किया जाएगा जैसे powerbating,  rafting,  cliff diving, 
Jet skiing,  swimming,  pairasailing and surfing.  आदि गेम कराए जा सकते हैं 
गूलरभोज शिक्षा का मुख्य केंद्र है यहां पर आईटीआई और एटीएस जैसी सरकारी संस्थाएं हैं तथा यहां के स्थानीय निवासी बड़े दयालु किस्म के हैं यहां पर सुविधाजनक रेस्टोरेंट उपलब्ध हैं । समय के साथ-साथ होटलों का भी निर्माण  होने लगेगा । यहां का एरिया बहुत बड़ा है  जिसके कारण  यहां पर हजारों की मात्रा में लोग आ सकते हैं  बिना ट्रैफिक के अक्सर देखा गया है  कि नैनीताल में  अत्यधिक भीड़ हो जाती है  जिसे शोरगुल बहुत होता है  और उस तरह की शांति नहीं मिल पाती  जो  लोग  जाने से पहले  सोच कर जाते हैं  और ट्रैफिक इतना रहता है जो थोड़ा बहुत भी मन शांत किया होगा  वह ट्रैफिक में फंसने से खराब हो जाता है लेकिन  गूलरभोज का हरिपुरा डैम  एकदम अनुकूल वातावरण  और शांत माहौल में  है और यहां के गार्डन  के सुंदर सुंदर फूल  मन मोह लेते हैं यहां आने के लिए सड़कें पूर्ण तरह विकसित है तथा रुद्रपुर शहर से गूलरभोज की दूरी 17 किलोमीटर जोकि केवल 30 मिनट का रास्ता है सबसे अच्छी बात यह है कि वर्तमान समय में हरिपुरा डैम का प्रवेश शुल्क  फ्री है  जिससे  कम बजट में भी  फैमिली के साथ पिकनिक पर आया जा सकता है  साथ ही यदि कोई स्कूल या फिर कोचिंग इंस्टिट्यूट के द्वारा टूर का प्लान भी बना सकते हैं 

आगे की राह
 
सरकार द्वारा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रकार के कदम उठाए जा रहे हैं। हाल ही में फरवरी के महीने में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र रावत तथा शिक्षा मंत्री श्री अरविंद जी ने  हरिपुरा डैम का  दौरा किया और  हरिपुरा को एक  विश्व स्तर पर पर्यटन केंद्र  बनाने की  बात कही ।  उसके लिए विशेष फंड उपलब्ध कराने को कहा है और स्थानीय लोगों के सहयोग की बात कही साथ ही साथ हरिपुरा डैम के लाभ बताएं उन्होंने कहा की यदि हरिपुरा डैम को विश्व स्तर पर पहचान मिल जाती है तो यहां के रोजगार में तेजी से वृद्धि होगी , संरचनात्मक सुधार होगा, देश की जीडीपी में सुधार होगा , विदेशी पूंजी अधिक मात्रा में आएगी तथा संसाधनों का कुशल तम प्रयोग हो सकेगा । और भविष्य में  फिल्मों की शूटिंग होने की संभावना भी  हो सकती है इससे अधिक मात्रा में लोग आएंगे जिससे लोगों की आमदनी बढ़ेगी और जीवन स्तर में सुधार होगा। 

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