सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

महासागरों का अध्ययन

महासागरों का अध्ययन  देवभूमि उत्तराखंड द्वारा कक्षा 6 एनसीईआरटी भूगोल की पुस्तक से नोट्स तैयार किए जा रहे हैं। इस लेख में एनसीईआरटी पुस्तक और प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्यों का समावेशन किया गया है। इस लेख में विश्व में कितने महासागर हैं और उनके सीमांत सागरों के साथ प्रमुख जलसंधियों का उल्लेख किया गया है। अतः लेख को अंत तक जरूर पढ़ें। साथ ही विश्व का मानचित्र साथ रखें।  पृष्ठभूमि  अक्सर फिल्मों में, गानों में, कविताओं में और जिंदगी के उन तमाम पन्नों में "सात समुद्र" का जिक्र सुना होगा। और तो और इस शब्द प्रयोग मुहावरों भी करते हैं। तो क्या आप जानते हैं "सात समुद्र" ही क्यों? और यदि बात सात समुद्र की जाती है तो वे कौन-से सात समुद्र हैं? यूं तो अंक सात का अपना एक ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व हैं । क्योंकि दुनिया में इंद्रधनुष के रग सात हैं, सप्ताह के दिन सात हैं, सप्तर्षि हैं, सात चक्र हैं, इस्लामी परंपराओं में सात स्वर्ग हैं, यहां तक कि दुनिया के प्रसिद्ध 7 अजूबे हैं। संख्या सात इतिहास की किताबों में और कहानियों में बार-बार आती है और इस वजह से...

Uttrakhand current affairs (June 2023)

उत्तराखंड करेंट अफेयर्स 2023 (जून)

देवभूमि उत्तराखंड द्वारा प्रत्येक माह के उत्तराखंड करेंट अफेयर्स क्विज व्याख्या सहित तैयार की जाती है। जिसके सभी लिंक पोस्ट के अन्त में दिए गए हैं।
          यदि कोई परीक्षार्थी पूरे वर्ष के सभी करेंट अफेयर्स पीडीएफ फाइल के रूप में प्राप्त करना चाहता हो तो दिए गए नम्बर पर संपर्क करें। (6396956412) मात्र ₹10 में करेंट अफेयर्स e-book के whatsapp पर भेज दी जाएगी।

Uttrakhand current affairs (June 2023)



(1) उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान 2023 से किस कहानीकार सम्मानित किया गया है ?
(a) दिव्या नेगी 
(b) अमृता पांडे
(c) लीलाधर जगूड़ी 
(d) विद्यासागर नौटियाल

व्याख्या :- हाल ही में भाषा संस्थान द्वारा देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री और भाषा मंत्री ने कहानीकार अमृता पांडे को उनके कथा संग्रह "सिसकती सांकले" के लिए वर्ष 2023 का "उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान" प्रदान किया ।
           अमृता पांडे 20 वर्षों से शिक्षण कार्य से जुड़ी हुई है, 8 वर्ष पूर्व आकाशवाणी में कार्य से जुड़ी हुई है,  8 वर्ष पूर्व आकाशवाणी में कंपोजर के तौर पर कार्य कर चुकी है । उनके प्रस्तावित उपन्यास "सांस का सूरज" और कविता संग्रह 'मन का भवंर" है।

Answer - (b)

(2) उत्तराखंड के वर्तमान लोक सेवा अध्यक्ष किन्हे नियुक्त किया गया है ?
(a) अनिल चंद्र पुनेठा 
(b) प्रो.जगमोहन सिंह राणा 
(c) सूर्यनारायण बाबुलकर
(d) इंद्र कुमार पांडे

व्याख्या :- उत्तराखंड के वर्तमान लोकसभा अध्यक्ष प्रोफेसर जगमोहन सिंह राणा हैं। राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ राकेश कुमार ने 10 जून को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था जिसके पश्चात 12 जून 2023 को राज्य सरकार ने उत्तराखंड राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी प्रोफेसर जगमोहन सिंह राणा को सौंप दी गई है। 

Answer - (b)

(3) उत्तराखंड के किस जनपद में भारत में रेडियों कनेक्टिविटी बढ़ाने के उद्देश्य से FM ट्रांसमीटर का उद्घाटन PM मोदी द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से किया गया ?
(a) उत्तरकाशी
(b) देहरादून 
(c) चमोली 
(d) पिथौरागढ़ 

व्याख्या :- PM नरेन्द मोदी ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए भारत में रेडियों कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए 91 FM  ट्रांसमीटरों का उदघाटन किया । जिसमें से एक उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद में भी ट्रांसमीटर लगाया गया है।

Answer - (a)

(4) G-20, ढांचागत कार्य समूह की 3 दिवसीय बैठक उत्तराखंड के किस जनपद में आयोजित की गयी ?
(a) अल्मोड़ा
(b) नैनीताल
(c) ऋषिकेश
(d) रामनगर 

व्याख्या :- G-20, ढांचागत कार्य समूह की 3 दिवसीय बैठक उत्तराखंड ऋषिकेश में 26 जून से 28 जून तक आयोजित की गई । इस बैठक में भागीदारी करने के लिए जी 20 सदस्य देशों के कुल प्रेषक प्रतिनिधि अतिथि और अंतरराष्ट्रीय संगठन ऋषिकेश में पहुंचे। यह उत्तराखंड में आयोजित होने वाली तीसरी बैठक थी जिसमें मुख्य रूप से ढांचागत कार्य समूह पर चर्चा की गई। उत्तराखंड में आयोजित तीसरी बैठक में अवसंरचना निवेश के पहलुओं पर चर्चा हुई और परिसंपत्ति, गुणवत्तापूर्ण अवसंरचना, निवेश को बढ़ावा देना और इसमें निवेश के लिए वित्तीय संसाधनों को गतिशील करने के लिए निर्माणधीन मूल संरचना पर चर्चा की। 

उत्तराखंड में आयोजित जी-20 बैठकें

पहली बैठक - 28 से 30 मार्च
उत्तराखंड की पहली बैठक रामनगर (नैनीताल) में आयोजित की गई। जिसमें विज्ञान और प्रौद्योगिकी से जुड़े पारस्परिक हित के वैश्विक मुद्दों पर गहन चर्चा हुई।

दूसरी बैठक - 25 से 27 मई
उत्तराखंड की दूसरी बैठक नरेंद्र नगर टिहरी में आयोजित की गई। जिसमें एंटी करप्शन वर्किंग ग्रुप एवं जेंडर एंड करप्शन मुद्दे पर चर्चा।

तीसरी बैठक - 26 से 28 जून
उत्तराखंड में तीसरी बैठक ऋषिकेश (देहरादून) में आयोजित की गई। जिसमें ढांचागत कार्य समूह पर चर्चा की गई।

Answer - (c)

(5) वित्तीय वर्ष 2022-23 में राज्य के किस जनपद में होमस्टेट योजना के तहत सर्वाधिक पंजीकरण किए गए हैं ?
(a) नैनीताल
(b) देहरादून 
(c) ऊधम सिंह नगर 
(d) चम्पावत 

व्याख्या :- वित्तीय वर्ष 2022-23 में होमस्टे योजना के तहत 948 पंजीकरण किए। जिसमें सर्वाधिक पंजीकरण नैनीताल से 221 तथा दूसरे स्थान पर 148 पंजीकरण देहरादून जिले में किए गए । जबकि सबसे कम मैदानी क्षेत्र में बसे उधम सिंह नगर में हुए । इससे पूर्व वित्तीय वर्ष 2021-22 में 857 होमस्टे के लिए पंजीकरण किया गया था ।

क्या है होमस्टे योजना ?
होमस्टे योजना का पूरा नाम पंडित दीनदयाल गृह आवास योजना है। इस योजना की शुरुआत पिथौरागढ़ जनपद से 20 अप्रैल 2018 में हुई थी। होमस्टे योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार सृजित करना है। होमस्टे योजना के तहत भवन का पंजीकरण कराना अनिवार्य होता है भवन में ऐसे 6 कमरों की व्यवस्था कराई जाती है तथा यह भवन पारंपरिक पहाड़ी शैली में निर्मित होते हैं यह व्यवस्था नगर निगम क्षेत्रों को छोड़कर संपूर्ण प्रदेश में लागू है। 

Answer - (a)

(6) हाल में किन्हें फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है? 
(a) अंकिता चौहान और निकिता चौहान
(b) स्मिता देवरानी और अमिता देवरानी
(c) कमला जोशी और ललिता जोशी
(d) दिव्या नेगी और मीनाक्षी नेगी

व्याख्या :- हाल में डुंडेज गांव डाडामंडी क्षेत्र (पौड़ी गढ़वाल) की दो बहनों को स्मिता देवरानी और अमिता को फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया गया है। वर्तमान समय में स्मिता देवरानी दिल्ली सैन्य नर्सिंग सेवा की अपर महानिदेशक है और अमिता देवरानी दक्षिणी कमान के मुख्यालय पुणे मे ब्रिगेडियर सैन्य नर्सिंग पद पर कार्यरत हैं।

Answer - (b)

(7) उत्तर भारत में स्थापित पहला आर्किड पार्क उत्तराखंड में कहां स्थापित किया गया है ?
(a) पिथौरागढ़
(b) बागेश्वर
(c) रुद्रप्रयाग
(d) चमोली

व्याख्या :- कैंपा परियोजना के तहत उत्तराखंड में आर्किड संरक्षण चमोली के खल्ला गांव में निर्माण किया गया है। जिसका उद्घाटन बॉटनिकल सर्वे ऑफ इंडिया के संयुक्त निदेशक डॉ एस. के. व मुख्य वन संरक्षक डॉ संजीव चतुर्वेदी ने किया। यह उत्तर भारत एवं उत्तराखंड में पहला आर्किड पार्क है। चमोली जनपद के मण्डल घाटी में स्थापित इस पार्क में लगभग 48 प्रजातियां खोजी गई है जिसमें 35 प्रजातियां संरक्षित है।

Answer - (d)

(8) उत्तराखंड के किस जनपद में पोषण पुनर्वास केंद्र स्थापित किया जाएगा?
(1) चम्पावत
(b) पौड़ी गढ़वाल
(c) पिथौरागढ़
(d) देहरादून

व्याख्या :- हाल ही में केंन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत उत्तराखंड में तीसरा पुनर्वास केन्द्र स्थापित करने की मजदूरी दे दी है जिसके तहत अति कुपोषित बच्चों के पोषाहार और चिकित्सकीय देखभाल के लिए पिथौरागढ़ में पोषण पुनर्वास केंन्द्र स्थापित किया जाएगा ।
            राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में 21% बच्चे कुपोषित हैं। जबकि महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में 1200 बच्चे अति कुपोषित हैं।
प्रदेश में हरिद्वार और उधम सिंह नगर में कुपोषित बच्चों के लिए पहले से ही दो पुनर्वास केंद्र संचालित है। अब तीसरा पुनर्वास केन्द्र पिथौरागढ़ जनपद में स्थापित किया जाएगा।

Answer - (c)

(9) केंद्रीय मंत्री महेंद्रनाथ पांडे ने किस राज्य में "दुग्ध संकलन साथ मोबाइल एप" लांच किया ?
(a) गुजरात 
(b) उत्तर प्रदेश 
(c) उत्तराखंड 
(d) राजस्थान 

व्याख्या :- केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे ने दुग्ध संकल्प साथी मोबाइल एप उत्तराखंड के मसूरी में लांच किया। इस मोबाइल ऐप का उद्देश्य दूध की गुणवत्ता में सुधार करना हितधारकों के बीच पारदर्शिता को बढ़ावा देना और दुग्ध सहकारी समितियों सहित जमीनी स्तर पर ग्रामीण स्तर पर संचालन को सुव्यवस्थित करना। 

Answer - (c)

(10) मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कोश्या कुटौली तहसील को निम्न में से नया नाम कौन-सा दिया है ?
(a) कैंचीधाम
(b) मानसखंड धाम
(c) प्रथम धाम
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं

व्याख्या :- कैंची धाम की स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कोश्याकुटौली तहसील का नाम बाबा नीम करौली के नाम पर श्री कैंची धाम रखने की घोषणा की । कैंची धाम नैनीताल जिले में भवाली-अल्मोड़ा/रानीखेत राष्ट्रीय मार्ग पर स्थित है। कैंची धाम में हनुमान जी राम सीता और मां दुर्गा के मंदिर स्थापित है।

कैंचीधाम की स्थापना कब हुई और किसने की?
बाबा नीम करौली ने अपने दोस्त पूर्णानंद के साथ मिलकर 15 जून 1964 में कैंची धाम आश्रम की स्थापना की थी। प्रत्येक वर्ष 15 जून को कैंची धाम में भव्य मेला लगाया जाता है। और विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है

Answer - (a)

(11) जापान शैक्षिक भ्रमण हेतु उत्तराखंड राज्य से कितने बच्चों का चयन हुआ है?
(a) 2
(b) 3
(c) 5
(d) 10

व्याख्या :- जापान साइंस एंड टेक्नोलॉजी एजेंसी (जेएसटी) जापान एशिया यूथ एवसचेज प्रोग्राम इन साइंस के एक कार्यक्रम के तहत देशभर में ऐसे 60 बच्चों का चयन हुआ है। जो एक सप्ताह तक जापान शैक्षिक भ्रमण करेंगे । इस कार्यक्रम के तहत उत्तराखंड के 5 बच्चों का चयन हुआ है।

Answer - (c)

(12) राज्य के किन दो गांवो में चाय के बागानों को विकसित करने के लिए टी.बोर्ड गैरसैंण के अधिकारियों ने मिट्टी के सैंपल भेज हैं ?
(a) माणा गांव 
(b) गुंजी गांव 
(c) माणा और गुंजी गांव 
(d) ल्वाणी और सुय्या गांव

व्याख्या :- देवाल ब्लॉक (चमोली) के ल्वाणी और सुय्या गांव में काश्तकार पारंपरिक खेती के साथ चाय बागान से स्वरोजगार को बढ़ावा देने हेतु टी.बोर्ड गैरसैण के अधिकधारियो ने
गांव में भूमि का सर्वे कर मिट्टी के सैंपल लिए हैं। सैंपट रिपोर्ट आने के बाद दोनों गांव में चाय बागान विकसित किए जाएंगे। इसके अलावा चमोली जिले के कर्णप्रयाग, पौजरी और थराली ब्लॉक के गांव में चाय बागान पहले से ही विकसित हैं ।

Answer - (d)

(13) खाघ सुरक्षा सूचकांक 2022-23 में उत्तराखंड को कौनसा स्थान दिया गया है?
(a) 7वां
(b) 11वां
(c) 15वां 
(d) 17 वां

व्याख्या :- भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण की ओर से खाद्य सुरक्षा सूचकांक पर पांचवी रिपोर्ट 2022-23 जारी की गई। इसमें बड़े राज्यों की श्रेणी में उत्तराखंड 11वें स्थान पर रहा है। इससे पूर्व 2021-22 में उत्तराखंड सातवें स्थान पर था। बता दे कि प्रत्येक वर्ष विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस 7 जून को मनाया जाता है। वर्ष 2023 की थीम है - "खाद्य मानक जीवन बचाते हैं"।

Answer - (b)

(14) उत्तराखंड के किस जनपद में संयुक्त माउंटेन म्यूजियम और प्लेनेटोरियम स्थापित किया जाएगा?
(a) नैनीताल 
(b) चमोली 
(c) अल्मोड़ा 
(d) पौड़ी 

व्याख्या :- उत्तराखंड के राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी सहायता सांसद निधि की सहायता से उत्तराखंड के पौड़ी नगर में माउंटेन व्यूजियम पर्वतीय संग्रहालय तथा प्लेनेटोरियम (तारामंड) के निर्माण के लिए संयुक्त रूप से 4.2 करोड़ रुपए की प्रारंभिक राशि जारी की। माना जा रहा है दोनों संस्थानों के निर्माण में लगभग 30 करोड़ की राशि खर्च होगी।

Answer - (d)

(15) हाल ही में किसे अंतरराष्ट्रीय साहित्य भूषण सम्मान 2023 से सम्मानित किया गया है?
(a) श्री नरेन्द्र मोदी 
(b) श्रीमती द्रौपदी मुर्मू
(c) श्री रमेश पोखरियाल निशंक
(d) श्री राकेश कुमार 

व्याख्या :- हाल ही में हिंदी यूनिवर्स फाउंडेशन नीदरलैंड द्वारा दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई. जिसमें सांसद रमेश पोखरियाल निशंक को अंतरराष्ट्रीय साहित्य भूषण सम्मान 2023 से  सम्मानित किया गया है। इस संगोष्ठी में निशंक जी द्वारा "धरती का स्वर्ग स्मारिका" का विमोचन भी किया गया।

Answer - (c)

(16) जी आई बोर्ड के महानियंत्रक डॉ. उन्नत पंडित ने देश का पहला राज्य जीआई बोर्ड कहां स्थापित करने की घोषणा की है ?
(a) उत्तराखंड 
(b) सिक्किम 
(c) असम
(d) ओडिशा 

व्याख्या :- उत्तराखंड में उत्पादित पारंपरिक और जैविक उत्पादों के संरक्षण और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अप्रैल 2022 में राज्य भौगोलिक संकेतक बोर्ड बनाए जाने की घोषणा की थी। हाल ही में जी आई बोर्ड के महानियंत्रक डॉक्टर उन्नत पंडित ने देश का पहला राज्य जीआई बोर्ड देहरादून (उत्तराखंड) स्थापित करने की घोषणा की है । यह देश का पहला बोर्ड होगा। 

जी आई टैग क्या है?

जीआई टैग के माध्यम से किसी विशेष उत्पाद को भौगोलिक पहचान दी जाती है इस बात की सुरक्षा देता है कि जो उत्पाद क्षेत्र में पैदा होता है उसकी नकल अन्य कोई व्यक्ति संस्था अथवा देश नहीं कर सकता है।

Answer - (a)

(17) उत्तराखंड के कितने उत्पादों को जीआई टैग प्रदान करने के लिए नामित किया गया है ?
(a) 2
(b) 4
(c) 12
(d) 18

व्याख्या :- उत्तराखंड के 13 कृषि उत्पाद एवं 5 हैंडीक्राफ्ट उत्पाद सहित 18 उत्पादों को वैश्विक पहचान बनने के उद्देश्य से
भौगोलिक सांकेतिक जियो टैग प्राप्त करने की प्रक्रिया अंतिम दौर में पहुंच गई है। बता दें कि भौगोलिक संकेत रजिस्ट्री का मुख्यालय चेन्नई तमिलनडु में स्थित है

उत्तराखंड राज्य में वर्ष 2016 में तेजपत्ता को पहला जी आई टैग प्राप्त हुआ था। सितंबर 2022 में कृषि श्रेणी के उत्पाद में मुंसिस्यारी राजमा को जियो टैग प्राप्त हुआ था।

उत्तराखंड के प्रमुख उत्पाद जो जियो टैग के अन्तिम दौर में शामिल हैं- लाल चावल, उत्तराखंड चाय, गहत, मण्डुवा, झंगोरा, बुरांस सरबत, काला भट्ट, चौलाई/रामदाना, लाखोरी मिर्च, पहाड़ी तोर दाल, माल्टा फ्रूट, रामनगर लीची, रामगढ़ आडू, इसके अलावा हैंण्डीक्राफ्ट उत्पाद में सर्वाधिक प्रमुख है अल्मोड़ा की मिठाई। 

Answer - (d)

Uk current affairs mcq quiz - संभावित प्रश्न

(18) कैंची धाम की स्थापना कब हुई ?
(a) 1962
(b) 1964
(c) 1975
(d) 1988

Answer - (b)

(19) कैंची धाम उत्तराखंड के किस जनपद में स्थित है?
(a) नैनीताल
(b) अल्मोड़ा 
(c) हरिद्वार 
(d) बागेश्वर 

Answer - (a)

(20) होमस्टे योजना के बारे में कौन सा कथन गलत है ?
(a) होमस्टे योजना का पूरा नाम पंडित दीनदयाल गृह आवास योजना है। 
(b) इस योजना की शुरुआत 2018 में हुई थी। 
(c) होमस्टे योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार सृजित करना है। 
(d) यह योजना नगर निगम सहित उत्तराखंड के सभी क्षेत्रों पर  लागू है।

Answer - (d)

(21) उत्तराखंड राज्य का पहला कृषि उत्पाद कौन सा है जिसे जी आई टैग प्राप्त हुआ ?
(a) मुंसिस्यारी राजमा 
(b) ऐंपण
(c) तेजपत्ता 
(d) रिंगाल क्राफ्ट 

Answer - (c)

(22) उत्तराखंड में जी-20 की तीसरी बैठक कब हुई ?
(a) 26 से 28 जून 
(b) 21 से 25 जून
(c) 25 से 27 मई 
(d) 21 से 23 मई

Answer - (a)

Related posts :- 








टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

ब्रिटिश कुमाऊं कमिश्नर : उत्तराखंड

ब्रिटिश कुमाऊं कमिश्नर उत्तराखंड 1815 में गोरखों को पराजित करने के पश्चात उत्तराखंड में ईस्ट इंडिया कंपनी के माध्यम से ब्रिटिश शासन प्रारंभ हुआ। उत्तराखंड में अंग्रेजों की विजय के बाद कुमाऊं पर ब्रिटिश सरकार का शासन स्थापित हो गया और गढ़वाल मंडल को दो भागों में विभाजित किया गया। ब्रिटिश गढ़वाल और टिहरी गढ़वाल। अंग्रेजों ने अलकनंदा नदी का पश्चिमी भू-भाग पर परमार वंश के 55वें शासक सुदर्शन शाह को दे दिया। जहां सुदर्शन शाह ने टिहरी को नई राजधानी बनाकर टिहरी वंश की स्थापना की । वहीं दूसरी तरफ अलकनंदा नदी के पूर्वी भू-भाग पर अंग्रेजों का अधिकार हो गया। जिसे अंग्रेजों ने ब्रिटिश गढ़वाल नाम दिया। उत्तराखंड में ब्रिटिश शासन - 1815 ब्रिटिश सरकार कुमाऊं के भू-राजनीतिक महत्व को देखते हुए 1815 में कुमाऊं पर गैर-विनियमित क्षेत्र के रूप में शासन स्थापित किया अर्थात इस क्षेत्र में बंगाल प्रेसिडेंसी के अधिनियम पूर्ण रुप से लागू नहीं किए गए। कुछ को आंशिक रूप से प्रभावी किया गया तथा लेकिन अधिकांश नियम स्थानीय अधिकारियों को अपनी सुविधानुसार प्रभावी करने की अनुमति दी गई। गैर-विनियमित प्रांतों के जिला प्रमु...

परमार वंश - उत्तराखंड का इतिहास (भाग -1)

उत्तराखंड का इतिहास History of Uttarakhand भाग -1 परमार वंश का इतिहास उत्तराखंड में सर्वाधिक विवादित और मतभेद पूर्ण रहा है। जो परमार वंश के इतिहास को कठिन बनाता है परंतु विभिन्न इतिहासकारों की पुस्तकों का गहन विश्लेषण करके तथा पुस्तक उत्तराखंड का राजनैतिक इतिहास (अजय रावत) को मुख्य आधार मानकर परमार वंश के संपूर्ण नोट्स प्रस्तुत लेख में तैयार किए गए हैं। उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में 688 ईसवी से 1947 ईसवी तक शासकों ने शासन किया है (बैकेट के अनुसार)।  गढ़वाल में परमार वंश का शासन सबसे अधिक रहा।   जिसमें लगभग 12 शासकों का अध्ययन विस्तारपूर्वक दो भागों में विभाजित करके करेंगे और अंत में लेख से संबंधित प्रश्नों का भी अध्ययन करेंगे। परमार वंश (गढ़वाल मंडल) (भाग -1) छठी सदी में हर्षवर्धन की मृत्यु के पश्चात संपूर्ण उत्तर भारत में भारी उथल-पुथल हुई । देश में कहीं भी कोई बड़ी महाशक्ति नहीं बची थी । जो सभी प्रांतों पर नियंत्रण स्थापित कर सके। बड़े-बड़े जनपदों के साथ छोटे-छोटे प्रांत भी स्वतंत्रता की घोषणा करने लगे। कन्नौज से सुदूर उत्तर में स्थित उत्तराखंड की पहाड़ियों में भी कुछ ऐसा ही...

उत्तराखंड में भूमि बंदोबस्त का इतिहास

  भूमि बंदोबस्त व्यवस्था         उत्तराखंड का इतिहास भूमि बंदोबस्त आवश्यकता क्यों ? जब देश में उद्योगों का विकास नहीं हुआ था तो समस्त अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर थी। उस समय राजा को सर्वाधिक कर की प्राप्ति कृषि से होती थी। अतः भू राजस्व आय प्राप्त करने के लिए भूमि बंदोबस्त व्यवस्था लागू की जाती थी । दरअसल जब भी कोई राजवंश का अंत होता है तब एक नया राजवंश नयी बंदोबस्ती लाता है।  हालांकि ब्रिटिश शासन से पहले सभी शासकों ने मनुस्मृति में उल्लेखित भूमि बंदोबस्त व्यवस्था का प्रयोग किया था । ब्रिटिश काल के प्रारंभिक समय में पहला भूमि बंदोबस्त 1815 में लाया गया। तब से लेकर अब तक कुल 12 भूमि बंदोबस्त उत्तराखंड में हो चुके हैं। हालांकि गोरखाओ द्वारा सन 1812 में भी भूमि बंदोबस्त का कार्य किया गया था। लेकिन गोरखाओं द्वारा लागू बन्दोबस्त को अंग्रेजों ने स्वीकार नहीं किया। ब्रिटिश काल में भूमि को कुमाऊं में थात कहा जाता था। और कृषक को थातवान कहा जाता था। जहां पूरे भारत में स्थायी बंदोबस्त, रैयतवाड़ी बंदोबस्त और महालवाड़ी बंदोबस्त व्यवस्था लागू थी। वही ब्रिटिश अधिकारियों ...

कुणिंद वंश का इतिहास (1500 ईसा पूर्व - 300 ईसवी)

कुणिंद वंश का इतिहास   History of Kunid dynasty   (1500 ईसा पूर्व - 300 ईसवी)  उत्तराखंड का इतिहास उत्तराखंड मूलतः एक घने जंगल और ऊंची ऊंची चोटी वाले पहाड़ों का क्षेत्र था। इसका अधिकांश भाग बिहड़, विरान, जंगलों से भरा हुआ था। इसीलिए यहां किसी स्थाई राज्य के स्थापित होने की स्पष्ट जानकारी नहीं मिलती है। थोड़े बहुत सिक्कों, अभिलेखों व साहित्यक स्रोत के आधार पर इसके प्राचीन इतिहास के सूत्रों को जोड़ा गया है । अर्थात कुणिंद वंश के इतिहास में क्रमबद्धता का अभाव है।               सूत्रों के मुताबिक कुणिंद राजवंश उत्तराखंड में शासन करने वाला प्रथम प्राचीन राजवंश है । जिसका प्रारंभिक समय ॠग्वैदिक काल से माना जाता है। रामायण के किस्किंधा कांड में कुणिंदों की जानकारी मिलती है और विष्णु पुराण में कुणिंद को कुणिंद पल्यकस्य कहा गया है। कुणिंद राजवंश के साक्ष्य के रूप में अभी तक 5 अभिलेख प्राप्त हुए हैं। जिसमें से एक मथुरा और 4 भरहूत से प्राप्त हुए हैं। वर्तमान समय में मथुरा उत्तर प्रदेश में स्थित है। जबकि भरहूत मध्यप्रदेश में है। कुणिंद वंश का ...

उत्तराखंड की जनजातियों से संबंधित प्रश्न (उत्तराखंड प्रश्नोत्तरी -14)

उत्तराखंड प्रश्नोत्तरी -14 उत्तराखंड की प्रमुख जनजातियां वर्ष 1965 में केंद्र सरकार ने जनजातियों की पहचान के लिए लोकर समिति का गठन किया। लोकर समिति की सिफारिश पर 1967 में उत्तराखंड की 5 जनजातियों थारू, जौनसारी, भोटिया, बोक्सा, और राजी को एसटी (ST) का दर्जा मिला । राज्य की मात्र 2 जनजातियों को आदिम जनजाति का दर्जा प्राप्त है । सर्वप्रथम राज्य की राजी जनजाति को आदिम जनजाति का दर्जा मिला। बोक्सा जनजाति को 1981 में आदिम जनजाति का दर्जा प्राप्त हुआ था । राज्य में सर्वाधिक आबादी थारू जनजाति तथा सबसे कम आबादी राज्यों की रहती है। 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य की कुल एसटी आबादी 2,91,903 है। जुलाई 2001 से राज्य सेवाओं में अनुसूचित जन जातियों को 4% आरक्षण प्राप्त है। उत्तराखंड की जनजातियों से संबंधित प्रश्न विशेष सूचना :- लेख में दिए गए अधिकांश प्रश्न समूह-ग की पुरानी परीक्षाओं में पूछे गए हैं। और कुछ प्रश्न वर्तमान परीक्षाओं को देखते हुए उत्तराखंड की जनजातियों से संबंधित 25+ प्रश्न तैयार किए गए हैं। जो आगामी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे। बता दें की उत्तराखंड के 40 प्रश्नों में से 2...

चंद राजवंश : उत्तराखंड का इतिहास

चंद राजवंश का इतिहास पृष्ठभूमि उत्तराखंड में कुणिंद और परमार वंश के बाद सबसे लंबे समय तक शासन करने वाला राजवंश है।  चंद वंश की स्थापना सोमचंद ने 1025 ईसवी के आसपास की थी। वैसे तो तिथियां अभी तक विवादित हैं। लेकिन कत्यूरी वंश के समय आदि गुरु शंकराचार्य  का उत्तराखंड में आगमन हुआ और उसके बाद कन्नौज में महमूद गजनवी के आक्रमण से ज्ञात होता है कि तो लगभग 1025 ईसवी में सोमचंद ने चंपावत में चंद वंश की स्थापना की है। विभिन्न इतिहासकारों ने विभिन्न मत दिए हैं। सवाल यह है कि किसे सच माना जाए ? उत्तराखंड के इतिहास में अजय रावत जी के द्वारा उत्तराखंड की सभी पुस्तकों का विश्लेषण किया गया है। उनके द्वारा दिए गए निष्कर्ष के आधार पर यह कहा जा सकता है । उपयुक्त दिए गए सभी नोट्स प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से सर्वोत्तम उचित है। चंद राजवंश का इतिहास चंद्रवंशी सोमचंद ने उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में लगभग 900 वर्षों तक शासन किया है । जिसमें 60 से अधिक राजाओं का वर्णन है । अब यदि आप सभी राजाओं का अध्ययन करते हैं तो मुमकिन नहीं है कि सभी को याद कर सकें । और अधिकांश राजा ऐसे हैं । जिनका केवल नाम पता...

भारत की जनगणना 2011 से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न (भाग -01)

भारत की जनगणना 2011 मित्रों वर्तमान परीक्षाओं को पास करने के लिए रखने से बात नहीं बनेगी अब चाहे वह इतिहास भूगोल हो या हमारे भारत की जनगणना हो अगर हम रटते हैं तो बहुत सारे तथ्यों को रटना पड़ेगा जिनको याद रखना संभव नहीं है कोशिश कीजिए समझ लीजिए और एक दूसरे से रिलेट कीजिए। आज हम 2011 की जनगणना के सभी तथ्यों को समझाने की कोशिश करेंगे। यहां प्रत्येक बिन्दु का भौगोलिक कारण उल्लेख करना संभव नहीं है। इसलिए जब आप भारत की जनगणना के नोट्स तैयार करें तो भौगोलिक कारणों पर विचार अवश्य करें जैसे अगर किसी की जनसंख्या अधिक है तो क्यों है ?, अगर किसी की साक्षरता दर अधिक है तो क्यों है? अगर आप इस तरह करेंगे तो शत-प्रतिशत है कि आप लंबे समय तक इन चीजों को याद रख पाएंगे साथ ही उनसे संबंधित अन्य तथ्य को भी आपको याद रख सकेंगे ।  भारत की जनगणना (भाग -01) वर्ष 2011 में भारत की 15वीं जनगणना की गई थी। 2011 की जनगणना के अनुसार भारत का कुल क्षेत्रफल 32,87,263 वर्ग किलोमीटर था तथा भारत की कुल आबादी 121,08,54,922 (121 करोड़) थी। जिसमें पुरुषों की जनसंख्या 62.32 करोड़ एवं महिलाओं की 51.47 करोड़ थी। जनसंख्या की दृष...