राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय बिडौरा
(नानकमत्ता)
- प्रत्येक कक्षाओं में डिजिटल बोर्ड लगाए गए हैं।
- साथ ही नई शिक्षा नीति के तहत में शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी।
- विद्यालय परिसर में खेलो इंडिया गेम्स की प्रतिस्पर्धा में भाग लेने के लिए खिलाड़ी तैयार किए जाएंगे।
- खेल को बढ़ावा देने के लिए दो वॉलीबॉल कोर्ट और दो बैडमिंटन कोर्ट बनाए गए हैं।
राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय के आवेदन शुरू (2023-24)
राजकीय आश्रम पद्धति बिडौरा मझौला में कक्षा 6 में शिक्षा सत्र 2023-24 में प्रवेश किए जाने हैं। विद्यालय में प्रवेश के लिए प्रदेश के केवल अनुसूचित जनजाति तथा उत्तराखंड की समस्त जनजाति के विद्यार्थी कक्षा 6 में प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं। समाज कल्याण विभाग अधिकारी श्री किशोर राणा जी ने बताया नामांकन के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया 25 मार्च से शुरू होगी। आवेदन कराने की अंतिम तिथि 10 अप्रैल है। इसकी प्रवेश परीक्षा के लिए समाज कल्याण विभाग की ओर से 10 अप्रैल को प्रातः 10 बजे कार्यवाही होगी। आवेदन कराने के लिए विद्यालय कार्य दिवस में सुबह 10:00 से शाम 5:00 बजे तक आवेदन पत्र प्राप्त किए जा सकते हैं। आवेदन पत्र प्राप्त करने के लिए अपने बच्चे को भी अनिवार्य रूप से साथ लाएं।
राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय
अनुसूचित जनजातियों के बालक बालिकाओं के शैक्षिक विकास एवं उत्थान के लिए नि:शुल्क - भोजन, आवास, वस्त्र व पाठ्यपुस्तकें आदि उपलब्ध कराते हुए व बेहतर ढंग से शिक्षा दिए जाने के उद्देश्य से प्रदेश में 7 अनुसूचित जनजाति राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। उक्त विद्यालयों में से 2 विद्यालय बालिकाओं के लिए तथा 5 विद्यालय बालकों के लिए संचालित हैं।
विशेषताएं
- शैक्षिक वातावरण में विद्यार्थियों का संपूर्ण विकास।
- N.C.E.R.T पुस्तकों का गहन अध्ययन
- कक्षा 6 से आर्मी और पुलिस की तैयारी
- पुस्तकालय, कम्प्यूटर, और विज्ञान की प्रयोगशालाऐं
- शिवानंद नौटियाल और राष्ट्रीय स्तरीय छात्रवृत्ति की परीक्षाओं की तैयारी।
- राज्य में निवासित बुक्सा जनजाति के छात्रों हेतु महाराजा जगतदेव शिक्षा कोष प्रोत्साहन योजना के तहत प्रति माह ₹500 अर्थात प्रतिवर्ष एकमुश्त ₹5000 छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है।
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय (बिडौरा-मझौला) एक लम्बे समय अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को शिक्षित कर शिखर तक पहुंचाने का कार्य किया है। और वर्तमान समय में भी नानकमत्ता श्रेत्र के सभी विद्यालयों की तुलना में उत्कृष्ट शिक्षा में अपना स्थान बनाए हुए है। वर्ष 2015 में विद्यालय को शिक्षा में उत्कृष्ट योगदान के लिए गवर्नर अवार्ड से सम्मानित किया गया था। इससे पूर्व 2012 शैक्षिक गुणांक के आधार पर राज्य के उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम देने हेतु पंडित दीनदयाल उपाध्याय शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। महामारी के दौरान शिक्षा का स्तर गिरने से प्रदेश के सभी स्कूलों को और विद्यार्थियों को नुकसान हुआ। वर्ष 2022 में उत्तराखंड राज्य में नई शिक्षा नीति लागू की गई जिसके तहत अहम बदलाव किए गए।
अक्सर पाया गया है कि सेवा आयोग द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं में एनसीआरटी पुस्तकों की वरीयता दी गई। इसके अतिरिक्त आर्मी व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी कक्षा 6 से 12 तक की पुस्तकों से ही अत्यधिक प्रश्न पूछे जाते हैं। जिस कारण सभी स्कूलों में एनसीआरटी पुस्तकों के अनुसार सिलेबस तैयार किया गया है और शिक्षा से संबंधित अहम बदलाव किए गए हैं।विद्यालय में ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु डिजिटल बोर्ड की सुविधा प्रदान की गई है। एवं खेलो इंडिया के तहत विद्यालय परिसर में 2 बैडमिंटन कोर्ट, 2 वॉलीबॉल कोर्ट, फुटबॉल ग्राउंड एवं टेबल टेनिस आदि सभी गेमों की सुविधाएं हैं। इसके अतिरिक्त सभी खेलों के प्रशिक्षण हेतु शिक्षक की व्यवस्था की गई है।
वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा के अनुसार विद्यालय को 12वीं कक्षाओं तक संचालित करने का आश्वासन दिया गया है। संभव है कि विद्यालय 2023-24 से प्रारंभ हो सकता है। अतः अच्छी शिक्षा से वंचित मेधावी छात्रों का कक्षा 6 में प्रवेश अवश्य कराए। शिक्षा ही भविष्य है।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय शिक्षा उत्कृष्टता पुरस्कार -2012
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