उत्तराखंड के लोकगीत और लोक नृत्य पहाड़ की अपनी ही बोली और संस्कृति है यहाँ के लोक गीतों का विस्तृत स्वरूप मुक्तको के रूप में मिलता है। विभिन्न अवसरों तथा विविध प्रसंगी में मुक्तकों का व्यवहार होता है, पहाड़ी समाज में अपनी विशिष्ट संस्कृति पौराणिक काल से रही है. न्यौली इसे न्यौली, न्यौल्या या वनगीत के नामों से पुकारा जाता है, न्यौली का अर्थ किसी नवीन स्त्री को नवीन रुप में सम्बोधन करना और स्वर बदल बदलकर प्रेम परक अनुभूतियों को व्यक्त करना है। न्यौली प्रेम परक संगीत प्रधान गीत है जिसमें दो-दो पंक्ति होती है। पहली पंक्ति प्रायः तुक मिलाने के लिए होती है। न्यौली में जीवन चिन्तन की प्रधानता का भाव होता है। ब्योली ब्योली रैना, मेरो मन बस्यो परदेश, कब आलो मेरो सैंया, मेरो मन लियो हदेश। (अर्थ: रात बीत रही है, मेरा मन परदेश में बसा है। कब आएगा मेरा प्रिय, जिसने मेरा मन ले लिया।) "सबै फूल फुली यौछ मैथा फुलौ ज्ञान, भैर जूँला भितर भूला माया भूलै जन, न्यौली मया भूलै जन", बैरा (नृत्य गीत) बैरा का शाब्दिक अर्थ संघर्ष है जो गीत युद्ध के रूप में गायकों के बीच होता है। अर्थात् यह कुमाऊं क्षे...
7 days challenge Weekly current affair in hindi 1 February to 7 February (1) हाल ही में भारत का पहला आद्र भूमि संरक्षण एवं प्रबंधन केंद्र चेन्नई में स्थापित की जाने की घोषणा की है तो आद्र भूमि दिवस प्रतिवर्ष कब मनाया जाता है? (a) 30 जनवरी (b) 2 फरवरी (c) 4 फरवरी (d) 1 फरवरी व्याख्या : आद्र भूमि किसे कहते हैं ? आर्द्र भूमि एक ऐसा भूभग होता है जिसका अधिकांश हिस्सा पानी में वर्ष भर डूबा रहता है। साधारण शब्दों में कह तो दलदली भूमि जो जलमग्न है उसे आद्र भूमि कहते हैं। आर्द्र भूमि पारितंत्र को अनुकूल बनाए रखने में बाहुल्य योगदान देती है। इसे अंग्रेजी में wetlands कहते हैं। विश्व आर्द्रभूमि दिवस पहली बार 2 फरवरी 1997 को रामसर सम्मेलन के 16 वर्ष पूर्ण होने पर मनाया गया था । भारत की 42 आर्द्र भूमियों रामसर साइट के रूप में नामित है । इस वर्ष 2021 की थीम है " आर्द्र भूमि और जल "। (2) हाल ही में किस की आत्मकथा "By Many Happy Accident" लांच की गई है (a) एम वेंकैया नायडू (b) श्री रामनाथ कोविंद (c) मनोहर पारिकर (d) हामिद अंसारी व्याख्या : हामिद अंसारी ने भारत के 13वें उपराष्ट्र...