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सितंबर, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

भारत रत्न : गोविन्द बल्लभ पंत (जीवन परिचय)

भारत रत्न : गोविंद बल्लभ पंत कल्पना कीजिए, 1887 की एक ठंडी सुबह। अल्मोड़ा के खूंट गांव में, जहां हिमालय की चोटियां बादलों से गपशप कर रही हैं, एक बच्चे का जन्म होता है—जिसके कंधों पर न सिर्फ उत्तराखंड का, बल्कि पूरे भारत का भविष्य चढ़ा होगा। कुछ लोग कहते हैं, जन्म तो पौड़ी में हुआ था, लेकिन सच्चाई जो भी हो, यह बच्चा गोविंद बल्लभ पंत था—एक ऐसा नाम, जो बाद में स्वतंत्रता की लपटों को हवा देगा। उनके पिता मनोरथ पंत, साधारण सिपाही थे, लेकिन किस्मत ने उनके बेटे को असाधारण बनाया। क्या आप जानते हैं, यह वही पंत जी थे, जिन्होंने गांधी जी को भी हैरान कर दिया था? चलिए, उनकी जिंदगी की इस यात्रा पर चलें—एक ऐसी कहानी जो आपको अंत तक बांधे रखेगी। गोविंद बल्लभ पंत : जीवन परिचय गोविंद बल्लभ पंत - यह नाम सुनते ही मन में स्वतंत्रता की लपटें, सामाजिक न्याय की जंग और लोकतंत्र की मजबूत नींव की याद आती है। वे न केवल उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री थे, बल्कि भारत के चौथे गृह मंत्री के रूप में देश की आंतरिक सुरक्षा और एकता को नई दिशा देने वाले दूरदर्शी नेता थे। 10 सितंबर 1887 को जन्मे पंत जी का जीवन एक ऐसी गाथा ...

उत्तराखंड का भू-कानून

उत्तराखंड का भू-कानून चर्चा में क्यों? हाल ही में प्रदेश में लगातार चल रही मांग के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एलान किया है कि उनकी सरकार वृहद भू-कानून लाने जा रही है। अगले साल बजट सत्र में कानून का प्रस्ताव लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि 250 वर्ग मीटर आवासीय और 12.50 एकड़ अन्य भूमि के नियम तोड़ने वालों की भूमि जांच के बाद सरकार में निहित की जाएगी। क्या है उत्तराखंड का वर्तमान भू-कानून ? वर्तमान में लागू भू-कानून के तहत एक व्यक्ति को 250 वर्गमीटर जमीन ही खरीद सकता है। लेकिन व्यक्ति के अपने नाम से 250 वर्गमीटर जमीन खरीदने के बाद पत्नी के नाम से भी जमीन खरीदी है तो ऐसे लोगों को मुश्किल आ सकती है। तय सीमा से ज्यादा खरीदी गई जमीन को सरकार में निहित करने की कार्रवाई करेगी। यह कानून केवल बाहरी राज्यों के लोगाें पर लागू है। उत्तराखंड के स्थायी निवासी कितनी भी जमीन खरीद सकते हैं। भू-कानून का इतिहास राज्य में बाहरी लोगों द्वारा भूमि खरीद सीमित करने के लिए वर्ष 2003 में तत्कालीन एनडी तिवारी सरकार ने उत्तर प्रदेश के कानून में संशोधन किया और राज्य का अपना भूमि कानून अस्तित्व में आया। इस संशोध...

Uttrakhand Current Affairs 2024

  उत्तराखंड के चार गांवों को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार  चर्चा में क्यों? हाल ही में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की ओर से उत्तराखंड के चार गांवों को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार के लिए चुना गया है। जिसमें शामिल हैं :- उत्तरकाशी जनपद का जखोल गांव - साहसिक पर्यटन की श्रेणी में  उत्तरकाशी जनपद का हर्षिल गांव -   'वाइब्रेंट विलेज' की श्रेणी में  पिथौरागढ़ जनपद का गुंजी गांव -   'वाइब्रेंट विलेज' की श्रेणी में  नैनीताल जनपद का सूपी गांव -  कृषि पर्यटन की श्रेणी में यह पुरस्कार अंतरराष्ट्रीय पर्यटन दिवस 27 सितंबर को नयी दिल्ली में आयोजित एक समारोह में प्रदान किया जाएगा। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय हर वर्ष राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता आयोजित करती है जिसमें गांवों को संस्कृति और प्राकृतिक संपदा के संरक्षण, समुदाय आधारित मूल्यों एवं जीवन शैली को बढ़ावा देने एवं आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता को परखा जाता है। बता दें कि वर्तमान केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र स...

UK SI Mock Test - 01(सिलेबस के अनुसार)

उत्तराखंड सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2024 उत्तराखंड सब इंस्पेक्टर परीक्षा हेतु मॉक टेस्ट  उत्तराखंड सब इंस्पेक्टर परीक्षा हेतु देवभूमि उत्तराखंड द्वारा मॉक टेस्ट सीरीज का संचालन किया जा रहा है। इस टेस्ट सीरीज में सिलेबस के अनुसार 300 प्रश्नों के 10 टेस्ट उपलब्ध कराए जा रहे हैं। सभी टेस्ट पीडीएफ फाइल के रूप में उपलब्ध कराए जाएंगे। टेस्ट प्राप्त करने के लिए मात्र ₹149 का शुल्क देना होगा। प्रारंभिक 20 अभ्यर्थियों को 33% डिस्काउंट के साथ मात्र ₹99 में मिल सकेगा। नीचे आपको Demo test के रूप में एक टेस्ट पीडीएफ फाइल में दिया जा रहा है।  UK SI Mock Test -01 (part -01) Download pdf file - click here UK SI Mock Test - 01 (part -02) Download pdf file - click here उत्तराखंड दरोगा का सिलेबस (UK SI New Syllabus) उत्तराखण्ड गृह विभाग के अन्तर्गत उत्तराखण्ड पुलिस के उपनिरीक्षक (नागरिक पुलिस/अभिसूचना) एवं गुल्मनायक के पदों पर चयन हेतु नया सिलेबस । क्र सं० प्रश्न पत्र  विषय वस्तु  प्रश्नों की संख्या  अधिकतम अंक समय  01 सामान्य हिंदी तथा सामान्य ज्ञान एवं  मैंटल एप्टीट्...

सर्वनाम और उसके भेद (भाग -05)

सर्वनाम और उसके भेद (भाग -05) देवभूमि उत्तराखंड द्वारा उत्तराखंड की सभी प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु हिन्दी के सम्पूर्ण नोट्स प्रश्नोत्तरी सहित तैयार किए जा रहे हैं। सभी नोट्स प्राप्त करने के लिए संपर्क करें -9568166280 सर्वनाम क्या है? सर्वनाम :- सर्वनाम दो शब्दों से मिलकर बना है। सर्व+नाम (सभी + नाम)। संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्द सर्वनाम कहलाते है। अर्थात किसी वाक्य में एक ही शब्द की बार-बार पुनरावृति न हो, इसके लिए संज्ञा के स्थान पर सर्वनाम शब्दों का प्रयोग किया जाता है। जैसे - मैं, तुम, वह, यह, आप, कौन, कोई, इसका, उसका, तुम्हारा, हमारा और आपका आदि । उदाहरण :-  अमित दिल्ली रहता है,  वह नहाँ नौकरी करता है. पिताजी विदेश रहते हैं,  वे वहाँ नौकरी करते है सर्वनाम के भेद 1. पुरुषवावक उत्तम पुरुष -  मध्यम पुरुष अन्य पुरुष  2. निश्चयवाचक 3. अनिश्चयवाचक 4. सम्बधवाचक 5. प्रश्नवाचक 6. निजवाचक 1. पुरुषवाचक सर्वनाम :- वे सर्वनाम शब्द जिनका प्रयोग बोलने वाला व्यक्ति अपने लिए, सुनने वाले के लिए या किसी अन्य के लिए प्रयोग करता है। जैसे - मैं, हम, तू, आप, ये, वे,...