वनबसा : शारदा नदी के तट पर बसा एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक नगर उत्तराखंड के चम्पावत जिले में वनबसा, एक ऐसा कस्बा है जो भारत-नेपाल सीमा पर बसा है और अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत व प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। टनकपुर से मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह ग्राम पंचायत, जनपद की सबसे बड़ी पंचायतों में से एक है, जहाँ लगभग 10,000+ लोग निवास करते हैं। यहाँ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अन्य समुदायों का सामंजस्यपूर्ण मिश्रण देखने को मिलता है, जो इस क्षेत्र को एक जीवंत सामाजिक ताने-बाने से जोड़ता है। प्रकृति और इतिहास का संगम शारदा नदी के तट पर बसा वनबसा, मैदानी और पर्वतीय संस्कृतियों का एक अनूठा मेल है। यह स्थान सदियों से पर्वतीय लोगों का प्रिय ठिकाना रहा है। पुराने समय में, जब लोग माल भावर की यात्रा करते थे, वनबसा उनका प्रमुख विश्राम स्थल था। सर्दियों में पहाड़ी लोग यहाँ अपनी गाय-भैंस चराने आते और दिनभर धूप में समय बिताकर लौट जाते। घने जंगलों के बीच बसे होने के कारण, संभवतः इस क्षेत्र का नाम "वनबसा" पड़ा। यहाँ की मूल निवासी थारू और बोक्सा जनजातियाँ इस क्ष...
Happy New Year 2023 देवभूमि उत्तराखंड की तरफ से सभी देशवासियों को वर्ष 2023 की हार्दिक शुभकामनाएं। बीता वर्ष बीते साल आपके जैसे भी गए वो तो गए। अच्छे गए बुरे गए फर्क नहीं पड़ता। फर्क पड़ता है आने वाला साल कैसा हो ? तो आशा करते हैं आपका आने वाला साल सभी वर्षों से बेहतर हो । आने वाले नये साल में बूढ़ों को बच्चों से की गयी उम्मीद से ज्यादा सुख मिले। देवभूमि उत्तराखंड के चारों धामों की यात्रा करने का सौभाग्य मिले। और युवाओं ने अभी तक जितनी भी मेहनत की है उसका फल मिले। साथ ही अविवाहितों को मनपसंद का वर मिले। नव वर्ष के उपलक्ष में देवभूमि उत्तराखंड आप सभी के सामने एक कविता प्रस्तुत करता है जिसका शीर्षक है - "अब के बरस" अल्फ़ाज़ अनकहे : शब्दालय शीर्षक : अब के बरस इश्क मुकम्मल हो गर, हमको भी पता दीजिए, वो सोए हैं अरसों से, जरा उनको भी जगा दीजिए। नया साल आया है, जरा उनको भी आगाह कीजिए। बैचैनी से भरा है आलम, शरमो हया के परदे गिरा दीजिए, रूत-ए-इश्क का आईना उनको भी दिखा दीजिए। गुज़ारिश है खुदा से अब के बरस हमको भी मिला दीजिए। पहाड़ी बन्दे : देवभूमि उत्तराखंड देवभूमि उत्तराख...