श्यामलाताल : विवेकानंद आश्रम की मनमोहक शांति हिमालय की गोद में बसा विवेकानंद आश्रम, श्यामलाताल, उत्तराखंड के चम्पावत जिले का एक ऐसा रत्न है, जो प्रकृति और आध्यात्मिकता का अनूठा संगम प्रस्तुत करता है। समुद्र तल से लगभग 5,000 फीट की ऊँचाई पर स्थित यह स्थल अपने आलौकिक सौंदर्य और शांति से हर किसी का मन मोह लेता है। यहाँ से टनकपुर-वनबसा और शारदा नदी घाटी के मनोरम दृश्यों के साथ-साथ नंदादेवी, पंचाचूली और नंदकोट जैसी बर्फीली चोटियों का लुभावना नजारा देखने को मिलता है, जो आत्मा को सुकून और आँखों को तृप्ति देता है। श्यामलाताल : एक झील का जादू आश्रम के ठीक निकट एक छोटी, परंतु अत्यंत आकर्षक झील है, जिसे श्यामलाताल के नाम से जाना जाता है। इस झील की लंबाई लगभग 500 मीटर और चौड़ाई 200 मीटर है। इसका गहरा श्याम वर्ण वाला जल इतना मनमोहक है कि स्वामी विवेकानंद ने स्वयं इसे 'श्यामलाताल' नाम दिया। झील के शांत जल में आसपास की हरी-भरी पहाड़ियों और नीले आकाश की छवि ऐसी दिखती है, मानो प्रकृति ने स्वयं एक कैनवास पर चित्र उकेरा हो। कैसे पहुँचें? विवेकानंद आश्रम, चम्पावत जिला मुख्यालय से लगभग 45 किलोमीटर ...
ब्रह्मांड की उत्पत्ति और सौर मंडल हमारे द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु भूगोल विषय से संबंधित नोट्स उपलब्ध कराए जा रहे हैं जिसका मुख्य स्त्रोत NCERT पुस्तकें हैं। इस लेख में कक्षा 6 की भूगोल की किताब से नोट्स तैयार किए गए हैं। साथ ही इसके पश्चात अभ्यास प्रश्न भी तैयार किये जाएंगे। अतः लेख को अन्त तक पढ़ें। ब्रह्मांड क्या है ? ब्रह्मांड वह सब कुछ है जो अस्तित्व में है। इसमें अरबों-खरबों तारे, ग्रह, आकाशगंगाएँ, धूमकेतु, ब्लैक होल और बहुत कुछ शामिल है। ये सभी चीजें अंतरिक्ष में फैली हुई हैं और एक-दूसरे से गुरुत्वाकर्षण बल से जुड़ी हुई हैं। ब्रह्मांड की संरचना का सर्वप्रथम उल्लेख टॉलमी ने किया। दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि आकाश गंगाओं का समूह ब्रह्मांड कहलाता है। हमारी आकाशगंगा का नाम मिल्की वे है। ब्रह्मांड में मौजूद सभी चीज़ों को हम छू सकते हैं, महसूस कर सकते हैं, अनुभव कर सकते हैं, माप सकते हैं या पता लगा सकते हैं। ब्रह्मांड की विशालता का अंदाज़ा लगाना बहुत मुश्किल है। ब्रह्मांड की शुरुआत बिग बैंग से हुई थी. ब्रह्मांड में मौजूद सभी चीज़ें, बिग बैंग से फैले पदार्थ से ...