भारत रत्न : गोविंद बल्लभ पंत कल्पना कीजिए, 1887 की एक ठंडी सुबह। अल्मोड़ा के खूंट गांव में, जहां हिमालय की चोटियां बादलों से गपशप कर रही हैं, एक बच्चे का जन्म होता है—जिसके कंधों पर न सिर्फ उत्तराखंड का, बल्कि पूरे भारत का भविष्य चढ़ा होगा। कुछ लोग कहते हैं, जन्म तो पौड़ी में हुआ था, लेकिन सच्चाई जो भी हो, यह बच्चा गोविंद बल्लभ पंत था—एक ऐसा नाम, जो बाद में स्वतंत्रता की लपटों को हवा देगा। उनके पिता मनोरथ पंत, साधारण सिपाही थे, लेकिन किस्मत ने उनके बेटे को असाधारण बनाया। क्या आप जानते हैं, यह वही पंत जी थे, जिन्होंने गांधी जी को भी हैरान कर दिया था? चलिए, उनकी जिंदगी की इस यात्रा पर चलें—एक ऐसी कहानी जो आपको अंत तक बांधे रखेगी। गोविंद बल्लभ पंत : जीवन परिचय गोविंद बल्लभ पंत - यह नाम सुनते ही मन में स्वतंत्रता की लपटें, सामाजिक न्याय की जंग और लोकतंत्र की मजबूत नींव की याद आती है। वे न केवल उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री थे, बल्कि भारत के चौथे गृह मंत्री के रूप में देश की आंतरिक सुरक्षा और एकता को नई दिशा देने वाले दूरदर्शी नेता थे। 10 सितंबर 1887 को जन्मे पंत जी का जीवन एक ऐसी गाथा ...
भारत का 43वां विश्व विरासत स्थल : मोइदम (असम)
इस लेख में भारत का 43वां विश्व विरासत स्थल मोइदम (असम) के बारे में जानकारी दी गई है। जो सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण करेंट अफेयर्स । अतः लेख को अन्त तक अवश्य पढ़ें।
भारत ने पहली बार 21-31 जुलाई 2024 तक नई दिल्ली में यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति की मेजबानी की। नई दिल्ली में 30 जुलाई 2024 को संपन्न यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति के 46वें सत्र में यूनेस्को विरासत सूची में दुनिया भर के 24 नए विरासत स्थलों को शामिल किया गया है। यूनेस्को (UNESCO) का पूर्ण रूप संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 जुलाई को यूनेस्को के महानिदेशक ऑड्रे अज़ोले की उपस्थिति में यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति की बैठक का उद्घाटन किया। और विकासशील देशों में संरक्षण परियोजनाओं का समर्थन करने और क्षमता निर्माण पहल को बढ़ाने के लिए यूनेस्को विश्व विरासत केंद्र को 1 मिलियन डॉलर की सहायता की घोषणा की है। समापन समारोह को 30 जुलाई 2024 को केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने संबोधित किया।
यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में 1,223 विरासत स्थल शामिल
नई दिल्ली सत्र में 24 नए स्थलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया । जिसमे 19 सांस्कृतिक, 4 प्राकृतिक और 1 मिश्रित श्रेणी में शामिल किए गए हैं। अब यूनेस्को की विरासत सूची में दुनिया के 1,223 विरासत स्थल शामिल हैं । जिनमें से 952 सांस्कृतिक श्रेणी, 231 प्राकृतिक श्रेणी और 40 मिश्रित श्रेणी के अंतर्गत शामिल किए गए हैं।
इस सूची में 60 स्थलों के साथ इटली सबसे आगे है और उसके बाद 59 स्थलों के साथ चीन दूसरे स्थान पर है। भारत की सूची में 43 स्थल हैं, जिनमें नवीनतम 43वां स्थल असम का 'मोइदम' है। भारत सबसे अधिक विश्व धरोहर स्थलों के संबंध में दुनिया में छठें स्थान पर आ गया है।
भारत का 43वां विश्व विरासत स्थल "मोइदम"
असम के चराइदेव जिले में स्थित 'मोइदम' जो कि अहोम राजवंश की माउंड-दफन प्रणाली है। पूर्वोत्तर से पहली बार किसी धरोहर ने इस सूची में जगह बनाई है। यह निर्णय नई दिल्ली में यूनेस्को की 46वीं विश्व धरोहर समिति की बैठक के दौरान लिया गया।
अहोम मोइदम पिरामिड सरीखी अनूठी टीलेनुमा संरचनाएं हैं, जिनका इस्तेमाल ताई-अहोम वंश द्वारा अपने राजवंश के सदस्यों को उनकी प्रिय वस्तुओं के साथ दफनाने के लिए किया जाता था। अर्थात् ये असम के शाही परिवारों का कब्रिस्तान है।
ये मिस्र के पिरामिडों और मध्यकालीन युग के असम के कलाकारों और राजमिस्त्रियों की शानदार वास्तुकला और विशेषज्ञता के माध्यम से देखे गए आश्चर्य के तत्वों के समान हैं।
मोइदम की विशेषताएं
'मोइदम' गुंबददार कक्ष (चौ-चाली) होते हैं, जो प्रायः दो मंजिला होते हैं, जिनमें प्रवेश के लिए मेहराबदार मार्ग होता है तथा अर्धगोलाकार मिट्टी के टीलों के ऊपर ईंटों और मिट्टी की परतें बिछाई जाती हैं। यूनेस्को के अनुसार, टीले का आधार बहुकोणीय दीवार और पश्चिम की ओर एक धनुषाकार प्रवेशद्वार द्वारा सुदृढ़ किया गया है। इसे शामिल करने की सिफारिश अंतरराष्ट्रीय सलाहकार संस्था आईसीओएमओएस ने की थी।
यूनेस्को से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य
- सर्वप्रथम भारत ने 1983 में तीन भारतीय विरासत स्थल अजंता गुफा, एलोरा गुफा (दोनों महाराष्ट्र में), आगरा में ताज महल और उत्तर प्रदेश में आगरा किला को यूनेस्को की विरासत सूची में शामिल किया गया था।
- नई दिल्ली की बैठक में विश्व धरोहर समिति ने सेनेगल के नियोकोलो-कोबा राष्ट्रीय उद्यान को खतरे में पड़ी विश्व धरोहर की सूची से हटा दिया गया है।
- फ़िलिस्तीन में स्थित सेंट हिलारियन मठ/टेल उम्म आमेर को यूनेस्को की खतरे में विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया गया है।
- यूनेस्को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन है। यह शिक्षा, विज्ञान और संस्कृति में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से शांति स्थापित करना चाहता है। यूनेस्को का संविधान 1945 में लंदन में अपनाया गया था, यह 1946 में लागू हुआ। और भारत स्थापना के समय से ही इसका सदस्य देश है?
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