श्यामलाताल : विवेकानंद आश्रम की मनमोहक शांति हिमालय की गोद में बसा विवेकानंद आश्रम, श्यामलाताल, उत्तराखंड के चम्पावत जिले का एक ऐसा रत्न है, जो प्रकृति और आध्यात्मिकता का अनूठा संगम प्रस्तुत करता है। समुद्र तल से लगभग 5,000 फीट की ऊँचाई पर स्थित यह स्थल अपने आलौकिक सौंदर्य और शांति से हर किसी का मन मोह लेता है। यहाँ से टनकपुर-वनबसा और शारदा नदी घाटी के मनोरम दृश्यों के साथ-साथ नंदादेवी, पंचाचूली और नंदकोट जैसी बर्फीली चोटियों का लुभावना नजारा देखने को मिलता है, जो आत्मा को सुकून और आँखों को तृप्ति देता है। श्यामलाताल : एक झील का जादू आश्रम के ठीक निकट एक छोटी, परंतु अत्यंत आकर्षक झील है, जिसे श्यामलाताल के नाम से जाना जाता है। इस झील की लंबाई लगभग 500 मीटर और चौड़ाई 200 मीटर है। इसका गहरा श्याम वर्ण वाला जल इतना मनमोहक है कि स्वामी विवेकानंद ने स्वयं इसे 'श्यामलाताल' नाम दिया। झील के शांत जल में आसपास की हरी-भरी पहाड़ियों और नीले आकाश की छवि ऐसी दिखती है, मानो प्रकृति ने स्वयं एक कैनवास पर चित्र उकेरा हो। कैसे पहुँचें? विवेकानंद आश्रम, चम्पावत जिला मुख्यालय से लगभग 45 किलोमीटर ...
ट्रैक ऑफ द ईयर -2024
हाल ही में उत्तराखण्ड के सिनला पास और सरुताल बुग्याल को “ट्रैक ऑफ द ईयर” घोषित किया गया। जिसका उत्तराखण्ड पर्यटन मंत्रालय द्वारा 25 सितम्बर में आधिकारिक तौर पर शुभारंभ किया जायेगा।
उद्देश्य
ट्रेक ऑफ द ईयर द्वारा, स्थानीय संस्कृतियों एवं पर्यावरणीय गतिविधियों के सम्बन्ध जागरूकता प्रदान की जा सकती है, इसी प्रकार पर्यटन को बढावा देकर राज्य की G.D.P. में अहम् योगदान दिया जा सकता है।
महत्व
ट्रैक ऑफ द ईयर उत्तराखण्ड पर्यटन विभाग द्वारा संचालित पहल है जिसका मुख्य उद्देश्य राज्य के पर्यटन स्थलों को विकसित करना एवं वैश्विक स्तर पर इन स्थलों का प्रचार-प्रसार करना है। जिससे की मुख्य रूप से स्थानीय पर्यटन एवं रोजगार को बढ़ावा मिलता है।
सिनला पास (पिथौरागढ़)
पिथौरागढ़ जिले में उपस्थित स्थित सिन-ला दर्रा (पास) दारमा और व्यास घाटियों को जोड़ता है, जिसके अन्तर्गत बर्फ से ढके क्षेत्रों में पार्वती कुंड, कैलाश, ओम पर्वत और पंचाचूली बेस कैंप जैसे रमणीय स्थल सम्मिलित हैं।
सरुताल बुग्याल (उत्तरकाशी)
उत्तरकाशी जनपद के बड़कोट तहसील में स्थित सरुताल बुग्याल गोविन्द राष्ट्रीय उद्यान के अन्तर्गत आता है। जो बड़कोट से 40 Km पैदल ट्रैक की दूरी पर स्थित है, जिससे मुख्यतः स्वर्गारोहिणी पश्चिमी ग्लेशियर, बंदरपूछ व काली चोटी तथा अन्य बर्फीली श्रृंखलाओं को देखा जा सकता है, इससे पूर्व उत्तरकाशी के हरकी-दून बुग्याल तथा देवक्यारा बुग्याल को ट्रैक ऑफ द ईयर में सम्मिलित गया था।
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