राजी जनजाति का संपूर्ण परिचय उत्तराखंड की जनजातियां (भाग - 5) राजी जनजाति उत्तराखंड के पिथौरागढ़ और चंपावत जिलों में निवास करने वाली एक अत्यंत छोटी और लुप्तप्राय अनुसूचित जनजाति है। इसे "बनरौत" या "जंगल का राजा" के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि ये लोग मुख्यतः जंगलों में रहते हैं और प्रकृति के साथ गहरा जुड़ाव रखते हैं। राजी जनजाति की आबादी बहुत कम है, और यह विलुप्त होने के कगार पर है, जिसके कारण संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी इसकी स्थिति पर चिंता जताई है। राजी जनजाति उत्तराखंड की सबसे प्राचीन और आदिम जनजातियों में से एक है। यह माना जाता है कि ये लोग प्राचीन काल से पिथौरागढ़ और चंपावत के जंगलों में निवास करते आए हैं। कुछ विद्वानों का मानना है कि राजी जनजाति का संबंध प्रोटो-ऑस्ट्रेलॉयड या ऑस्ट्रो-एशियाटिक समूहों से हो सकता है, जो प्राचीन भारत में बसे थे। उनकी बोली, जिसे "मुण्डा" कहा जाता है, में तिब्बती और संस्कृत शब्दों की अधिकता देखी जाती है, जो उनकी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक जड़ों को दर्शाती है। राजी जनजाति के लोग काष्ठ कला में निपुण होते हैं और उनके आवासों क...
Ukpsc modal paper -06 देवभूमि उत्तराखंड द्वारा ukpsc RO/ARO परीक्षा 2023 के लिए test series प्रारंभ की गई है। सभी टेस्ट pdf file में उपलब्ध कराए जाएंगे। टेस्ट पीडीएफ फाइल में प्राप्त करने के लिए ₹49 फीस के रूप में सहायता राशि देनी होगी। टेस्ट संबंधी विशेष सूचना सभी टेस्ट में बीते वर्षों में हो चुकी लोकसेवा सेवा आयोग के सभी प्रश्न पत्रों के गहन अध्ययन के बाद तैयार किए गए हैं। जिसमें वर्तमान सिलेबस के अनुसार 25% पूर्व परीक्षाओं में आए प्रश्न, 40% अन्य राज्यों में आयोजित समस्त समूह ग के प्रश्न पत्रों और 10% अपटेड करेंट अफेयर्स के संयोजन के साथ तैयार किए गए हैं। और देवभूमि उत्तराखंड की टीम द्वारा अन्तिम 25% प्रश्न एक लम्बे समय से पैटर्न में हुए बदलाव को देखते हुए नये प्रश्न जोड़े गये हैं । कृपया टेस्ट सीरीज के मूल्य पर न जाएं। यह देवभूमि उत्तराखंड द्वारा संचालित एक प्रकार का समाजिक कार्य है। हमारा मुख्य उद्देश्य है पहाड़ के उस अन्तिम छोर तक पहुंचना जो आर्थिक स्थिति कमजोर रहने के कारण शहर में कोचिंग नहीं कर सकता है और विभिन्न प्रकार की किताबें नहीं खरीद सकता है। कुछ...