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थारू जनजाति में प्रचलित लोककथा : खरिया और भरिया

लोककथा : खरिया और भरिया  नमस्कार दोस्तों आज हम थारू जनजाति कि संस्कृति के संरक्षण के लिए सदियों से प्रचलित लोककथाओं और लोकगीतों को शुरू करने जा रहे हैं। यूं तो थारू जनजाति के लोगों की अपनी कोई भाषा नहीं है। लेकिन सर्वाधिक प्रभाव ब्रजभाषा का देखने को मिलता है। किंतु समय परिर्वतन के साथ पहाड़ी, खड़ी बोली और हिन्दी का प्रभाव देखने को मिलता है। यदि हमारे द्वारा लिखी यह कहानी आपने कभी सुनी हो तो कमेंट अवश्य करें। खरिया और भरिया : लोककथा  यह कहानी दो भाइयों की है - खरिया और भरिया। इस कहानी में खरिया बड़ा भाई और थोड़ा चालक था वहीं बढ़िया छोटा भाई और बहुत सीधा साधा था। यह कथा थारू समाज के उसे समय की है जब उनके पास धन के रूप में केवल खेती और मवेशी हुआ करते थे। एक गांव में दो भाई रहा करते थे। दोनों भाई बहुत मेहनती थे लेकिन अक्सर वे आपस के छोटे छोटे विवादों में फंस जाया करते थे। एक दिन अचानक पिता की मृत्यु जाती है। उनके पिता की मृत्यु के बाद, खरिया ने चालाकी से घर की संपत्तियों का बंटवारा कुछ इस तरह किया : कंबल का बंटवारा : खरिया ने कहा, "भाई, यह कंबल दिन में मेरा रहेगा और रात में तुम्...

UKSSSC MOCK TEST - 162

UKSSSC MOCK TEST - 162 देवभूमि उत्तराखंड द्वारा उत्तराखंड समूह ग की सभी परीक्षाओं हेतु टेस्ट सीरीज उपलब्ध कराई जा रही है। सभी टेस्ट नये पैटर्न पर आधारित हैं। टेस्ट सीरीज से जुड़ने के लिए संपर्क करें। 9568166280 (1) सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए और सूचियां के नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।              सूची-I.                            सूची-II  A. कृत्वाचक कृदंत प्रत्यय        1. भुलक्कड़ B. कर्मवाचक कृदंत प्रत्यय       2. चटनी C. करण वाचक कृदंत प्रत्यय    3. कतरनी D. भाववाचक कृदंत प्रत्यय       4. पढ़ाई  कूट :        A    B   C    D  (a)  1     2    3    4  (b)  2     1    4    3 (c)  3     1    2 ...