करेंट अफेयर्स 2026 नवंबर माह के राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स बहुआयामी निर्धनता सूचकांक (MPI) 2025 सूचकांक का परिचय जारीकर्ता: यह सूचकांक संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) और ऑक्सफोर्ड पॉवर्टी एंड ह्यूमन डेवलपमेंट इनिशिएटिव (OPHI) द्वारा संयुक्त रूप से जारी किया जाता है। मापदंड: यह निर्धनता को तीन आयामों (स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर) तथा 10 संकेतकों के आधार पर मापता है। निर्धनता की परिभाषा: यदि कोई व्यक्ति इन 10 संकेतकों में से एक तिहाई (1/3) या अधिक में वंचना (Deprivation) का सामना करता है, तो उसे बहुआयामी निर्धन माना जाता है। वैश्विक निष्कर्ष निर्धन आबादी: अध्ययन की गई 6.3 बिलियन आबादी में से लगभग 1.1 बिलियन लोग बहुआयामी निर्धनता में जीवन यापन कर रहे हैं। क्षेत्रीय संकेंद्रण: बहुआयामी निर्धनता में रहने वाले लोगों में से 83.2% आबादी केवल दो क्षेत्रों में केंद्रित है: उप-सहारा अफ्रीका क्षेत्र दक्षिण एशिया क्षेत्र भारत की स्थिति एवं प्रगति निर्धनता में कमी (उपलब्धि): भारत में बहुआयामी निर्धनता दर 55.1% (2005-06) से घटकर 16.4% (2019-21) हो गई है। गरीबी से बाहर:...
पंडित नैन सिंह रावत पंडित नैन सिंह रावत (1830-1895) एक महान खोजकर्ता थे। वे हिमालय और मध्य एशिया के क्षेत्र में अंग्रेज़ों के लिए सर्वे करने वाले पहले भारतीयों में से एक थे। आज जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पिथौरागढ़ (डीडीहाट) में उनकी 194वीं जयंती के उपलक्ष्य में राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। जिसमें उत्तराखंड के महान इतिहासकार व लेखक श्री शेखर पाठक जी के साथ राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की निदेशक श्रीमती वन्दना गर्ब्याल जी और पिथौरागढ़ जिले के जिलाधिकारी श्री विनोद गिरी गोस्वामी जी उपस्थित रहेंगे। जीवन परिचय पंडित नैन सिंह रावत का जन्म 1830 में उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में मिलन गांव में हुआ था । उन्होंने अपने अनुभवों और अवलोकनों को डायरी में रिकॉर्ड किया और साथ ही उन्होंने अपनी पहली देसी अंदाज में सर्वेक्षण ज्ञान की पुस्तिका लिखी, जिसका नाम अक्षांश दर्पण (1871) था । अपने चचेरे भाई किशन सिंह और अन्य अनुवेषकों के साथ अनेक अभियान किए। उनके अभियानों से प्राप्त रिकॉर्ड के आधार पर उन्होंने बताया कि सांगपो नदी ही ब्रह्मपुत्र है।...