उत्तराखंड के लोकगीत और लोक नृत्य पहाड़ की अपनी ही बोली और संस्कृति है यहाँ के लोक गीतों का विस्तृत स्वरूप मुक्तको के रूप में मिलता है। विभिन्न अवसरों तथा विविध प्रसंगी में मुक्तकों का व्यवहार होता है, पहाड़ी समाज में अपनी विशिष्ट संस्कृति पौराणिक काल से रही है. न्यौली इसे न्यौली, न्यौल्या या वनगीत के नामों से पुकारा जाता है, न्यौली का अर्थ किसी नवीन स्त्री को नवीन रुप में सम्बोधन करना और स्वर बदल बदलकर प्रेम परक अनुभूतियों को व्यक्त करना है। न्यौली प्रेम परक संगीत प्रधान गीत है जिसमें दो-दो पंक्ति होती है। पहली पंक्ति प्रायः तुक मिलाने के लिए होती है। न्यौली में जीवन चिन्तन की प्रधानता का भाव होता है। ब्योली ब्योली रैना, मेरो मन बस्यो परदेश, कब आलो मेरो सैंया, मेरो मन लियो हदेश। (अर्थ: रात बीत रही है, मेरा मन परदेश में बसा है। कब आएगा मेरा प्रिय, जिसने मेरा मन ले लिया।) "सबै फूल फुली यौछ मैथा फुलौ ज्ञान, भैर जूँला भितर भूला माया भूलै जन, न्यौली मया भूलै जन", बैरा (नृत्य गीत) बैरा का शाब्दिक अर्थ संघर्ष है जो गीत युद्ध के रूप में गायकों के बीच होता है। अर्थात् यह कुमाऊं क्षे...
Ukpsc modal paper -06 देवभूमि उत्तराखंड द्वारा ukpsc RO/ARO परीक्षा 2023 के लिए test series प्रारंभ की गई है। सभी टेस्ट pdf file में उपलब्ध कराए जाएंगे। टेस्ट पीडीएफ फाइल में प्राप्त करने के लिए ₹49 फीस के रूप में सहायता राशि देनी होगी। टेस्ट संबंधी विशेष सूचना सभी टेस्ट में बीते वर्षों में हो चुकी लोकसेवा सेवा आयोग के सभी प्रश्न पत्रों के गहन अध्ययन के बाद तैयार किए गए हैं। जिसमें वर्तमान सिलेबस के अनुसार 25% पूर्व परीक्षाओं में आए प्रश्न, 40% अन्य राज्यों में आयोजित समस्त समूह ग के प्रश्न पत्रों और 10% अपटेड करेंट अफेयर्स के संयोजन के साथ तैयार किए गए हैं। और देवभूमि उत्तराखंड की टीम द्वारा अन्तिम 25% प्रश्न एक लम्बे समय से पैटर्न में हुए बदलाव को देखते हुए नये प्रश्न जोड़े गये हैं । कृपया टेस्ट सीरीज के मूल्य पर न जाएं। यह देवभूमि उत्तराखंड द्वारा संचालित एक प्रकार का समाजिक कार्य है। हमारा मुख्य उद्देश्य है पहाड़ के उस अन्तिम छोर तक पहुंचना जो आर्थिक स्थिति कमजोर रहने के कारण शहर में कोचिंग नहीं कर सकता है और विभिन्न प्रकार की किताबें नहीं खरीद सकता है। कुछ...