कुर्मांचल केसरी : बद्रीदत्त पांडे - एक निर्भीक क्रांतिकारी का अमर गान बद्रीदत्त पांडे, जिन्हें 'कुर्मांचल केसरी' के नाम से जाना जाता है, कुमाऊं की धरती के एक ऐसे सपूत थे जिन्होंने ब्रिटिश राज के खिलाफ अपनी कलम और वाणी को हथियार बनाया। उनका जीवन संघर्ष, समर्पण और परिवर्तन की एक प्रेरणादायक गाथा है। आइए, उनके जीवन के प्रमुख अध्यायों को मुख्य बिंदुओं और उप-बिंदुओं के माध्यम से जीवंत रूप से देखें, जो न केवल इतिहास को उजागर करते हैं बल्कि आज भी प्रेरणा का स्रोत बने रहते हैं। बद्रीदत्त पांडे का सम्पूर्ण परिचय हिमालय की गोद में, भागीरथी के पवित्र तट पर कनखल में 15 फरवरी 1882 को जन्मे बद्रीदत्त पांडे, मात्र सात वर्ष की कोमल अवस्था में ही अभिभावकों के आकस्मिक निधन की कठोर परीक्षा से गुजरे, फिर भी वे टूटे नहीं, बल्कि अल्मोड़ा पहुँचकर जिला स्कूल में ज्ञान की ज्योति प्रज्वलित की। स्वामी विवेकानंद के ओजस्वी व्याख्यानों ने उनके हृदय में राष्ट्रीय ज्वाला जलाई, जो कभी बुझी नहीं। 1902 में बड़े भाई हरिदत्त के असमय विदा होने पर शिक्षा का मार्ग त्यागकर उन्होंने जीवन की जंग लड़नी शुरू की—नैनीताल क...
उत्तराखंड स्पेशल करेंट अफेयर्स 2025 जून 2025 माह के सभी महत्वपूर्ण उत्तराखंड करेंट अफेयर्स प्रश्न 01: सुंदरलाल बहुगुणा प्रकृति एवं पर्यावरण संरक्षण पुरस्कार 2025 की गैर-सरकारी श्रेणी में यह पुरस्कार किसे प्रदान किया गया? A) नगर निगम रुद्रपुर B) विजय जड़धारी C) डॉ. संतोष सिंह बिष्ट D) श्री प्रताप सिंह पोखरियाल कौन-सा सही है a) केवल A b) A और C c) B और D d) C और D व्याख्या: सुंदरलाल बहुगुणा प्रकृति एवं पर्यावरण संरक्षण पुरस्कार 2025 : यह पुरस्कार दो श्रेणियों में प्रदान किया गया है। सरकारी श्रेणी में यह सम्मान नगर निगम रुद्रपुर को दिया गया है, जबकि गैर-सरकारी श्रेणी में यह पुरस्कार विजय जड़धारी और श्री प्रताप सिंह पोखरियाल को प्रदान किया गया। सही उत्तर: C प्रश्न 02: हिमालयन एस्टल ऑब्जर्वेटरी का निर्माण किसके सहयोग से हुआ है? A) सेतु आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग B) रानीखेत कंटोनमेंट बोर्ड और एस्ट्रो स्टॉप्स C) यू-कॉस्ट और बीईसीआईएल D) नीति आयोग और सेतु व्याख्या: उत्तराखंड का पहला बड़ा खगोल केंद्र (हिमालयन एस्टल ऑब्जर्वेटरी) रानीखेत कंटोनमेंट क्षेत्र में स्थापित किया गया ह...