उत्तराखंड स्थापना दिवस पर स्लोगन उत्तराखंड, देवभूमि की यह पावन धरती, 9 नवंबर 2000 को अपने स्वतंत्र अस्तित्व में आई। इस अवसर पर, उत्तराखंड के समृद्ध विकास और जीवंत संस्कृति को समर्पित 30 स्लोगन और कविताएं प्रस्तुत हैं। ये रचनाएं राज्य की प्रगति, प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक विरासत और भविष्य की आशाओं को प्रतिबिंबित करती हैं। 30 स्लोगन (उत्तराखंड के विकास और संस्कृति पर) “जहाँ हर पर्वत बोल उठे — पहाड़ हमारी पहचान, संस्कृति हमारा अभियान” 🌿 देवभूमि उत्तराखंड के ऐतिहासिक विरासत और संस्कृति से प्रेरित स्लोगन उत्तराखंड स्थापना दिवस (रजत जयंती – 25 वर्ष) विशेष स्लोगन “25 वर्षों की गौरवगाथा – देवभूमि की अद्भुत परिभाषा!” (राज्य की उपलब्धियों और पहचान का गौरव) “पर्वतों से ऊँचा हमारा मान – यही है उत्तराखंड की पहचान!” (गौरव और आत्मसम्मान का संदेश) “संघर्ष से सफलता तक का सफर – जय जय उत्तराखंड अमर!” (संघर्षशील भावना का सम्मान) “रजत जयंती का ये उत्सव महान – आओ मिलकर करें देवभूमि का सम्मान!” (सामूहिक उत्सव का आह्वान) “हर घाटी, हर गाँव में गूँजे स्वर – उत्तराखंड जिंदाबाद सदा अमर!” (लोकएकता और प्रद...
ब्रह्मांड की उत्पत्ति और सौर मंडल हमारे द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु भूगोल विषय से संबंधित नोट्स उपलब्ध कराए जा रहे हैं जिसका मुख्य स्त्रोत NCERT पुस्तकें हैं। इस लेख में कक्षा 6 की भूगोल की किताब से नोट्स तैयार किए गए हैं। साथ ही इसके पश्चात अभ्यास प्रश्न भी तैयार किये जाएंगे। अतः लेख को अन्त तक पढ़ें। ब्रह्मांड क्या है ? ब्रह्मांड वह सब कुछ है जो अस्तित्व में है। इसमें अरबों-खरबों तारे, ग्रह, आकाशगंगाएँ, धूमकेतु, ब्लैक होल और बहुत कुछ शामिल है। ये सभी चीजें अंतरिक्ष में फैली हुई हैं और एक-दूसरे से गुरुत्वाकर्षण बल से जुड़ी हुई हैं। ब्रह्मांड की संरचना का सर्वप्रथम उल्लेख टॉलमी ने किया। दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि आकाश गंगाओं का समूह ब्रह्मांड कहलाता है। हमारी आकाशगंगा का नाम मिल्की वे है। ब्रह्मांड में मौजूद सभी चीज़ों को हम छू सकते हैं, महसूस कर सकते हैं, अनुभव कर सकते हैं, माप सकते हैं या पता लगा सकते हैं। ब्रह्मांड की विशालता का अंदाज़ा लगाना बहुत मुश्किल है। ब्रह्मांड की शुरुआत बिग बैंग से हुई थी. ब्रह्मांड में मौजूद सभी चीज़ें, बिग बैंग से फैले पदार्थ से ...